अयोध्याः दशकों से चल रहा अयोध्या का रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद अपने अंतिम दौर में है। चीफ जस्टिस ने मंगलवार को सभी पक्षों से कहा कि बुधवार तक वे अपनी जिरह पूरी कर लें, जिसे एक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि आज का दिन अयोध्या मामले की सुनवाई का आखिरी दिन हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में आज हिंदू पक्ष की ओर से निर्मोही अखाड़ा के वकील अपनी अंतिम दलील देंगे। हिंदू पक्ष के वकील सीएस. वैद्यनाथन को बहस के लिए 45 मिनट मिलेंगे। इसके अलावा हिंदू पक्षकारों के अन्य वकीलों को भी इतना ही समय मिलेगा। बाद में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को जवाब देने के लिए 1 घंटे का समय मिलेगा। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले की सुनवाई का आखिरी दिन 17 अक्टूबर तय किया गया था, लेकिन बहस के लिए आखिरी दिन 16 अक्टूबर है। 17 अक्टूबर को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ के लिए रिजर्व रखा गया है। इस दौरान दोनों पक्षकार अपनी मांग सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को 39वें दिन की सुनवाई के दौरान हिंदू और मस्लिम पक्षकारों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ पूर्व महान्यायवादी और वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरण की दलीलें सुन रही थी। वह 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य द्वारा दायर मुकदमें का जवाब दे रहे थे, ताकि अयोध्या में विवादित स्थल पर दावा किया जा सके।
10 दिसंबर तक अयोध्या में धारा 144 लागू
उल्लेखनीय है कि, अयोध्या विवाद के संभावित फैसले को लेकर 10 दिसंबर तक अयोध्या में धारा 144 लागू कर दी गई है। डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि अयोध्या विवाद के संभावित फैसले, दीपोत्सव, चेहल्लुम व कार्तिक मेले को लेकर 2 महीने तक जनपद में धारा-144 लागू रहेगी। अयोध्या फैसले को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है। बता दें कि दलीलों के दरवाजे इसी हफ्ते बंद हो जाएंगे और मामले पर फैसला दिवाली के बाद सुनाया जाएगा।